बाल कविता(कक्षा-4) बाल कविता(कक्षा-4)
नहीं चाहिए कोई धन दौलत मुझे जीना है मुझे बस तेरे लिए। पाया बड़ी मन्नतों से तुझे रब ने बन... नहीं चाहिए कोई धन दौलत मुझे जीना है मुझे बस तेरे लिए। पाया बड़ी मन्नतों...
खुशियों का सौदा कर बैठे। खुशियों का सौदा कर बैठे।
रोज़ डे आए आकर चले गए रोज के जैसे। रोज़ डे आए आकर चले गए रोज के जैसे।
दिल करता है, जिंदगी तुझे दे दूं। दिल करता है, जिंदगी तुझे दे दूं।
अब ना आरजू है तुमसे मिलने की, ना ख्वाईश है तुमको रिझाने की अब ना आरजू है तुमसे मिलने की, ना ख्वाईश है तुमको रिझाने की